Thursday, March 29, 2012

श्री कृष्ण भजन (तू ही जीवन दाता)

तू ही जीवन दाता   (स्वर -रविन्द्र जैन)


तू ही जीवन दाता, 
तू ही जीवन का रखवारा
तू ही जीवन दाता, 
तू ही जीवन का रखवारा...........
प्रिय -श्याम -सखा  तू है, सूने नैनो का उजियारा !

अंधियारे अंतर में तुने, 
अंतर ज्योत जलाई 
अंतर तनिक न रक्खा , 
बस गया अंतर बीच कन्हाई ,
मुझमे मुखरित होकर, 
मुझसे कृष्ण-कथा कहलाई 
सब कुछ स्वयं किया, 
और दे दी मुझको नाम बड़ाई 
मैंने तो बस भूले-भटके , 
जय श्री कृष्ण उचारा .........
प्रिय -श्याम -सखा  तू है, सूने नैनो का उजियारा !!

वेद-पुराणों से नहीं होती, 
प्रभु तेरी परिभाषा .
मै अज्ञानी कैसे गाऊ, 
स्वर है और न भाषा 
तेरा दर्शन  तेरी  सेवा , 
जन्मो की  अभिलाषा 
तेरे श्री चरणों में सोंपी, 
आशा   और   निराशा ,
अंत समय हरि सत्यति देना, 
रखना ध्यान हमारा..............
प्रिय -श्याम -सखा  तू है सूने नैनो का उजियारा !! 

-अखिल 


Tuesday, March 27, 2012

कविता - मंच

मुसाफिर हु 

मै हु एक छोटा-सा मुसाफिर
यत्न करता साथ चलने को 
ऊँगली की आशा से परे,
इशारो से ही बता दो मंजिल का पता
चला जाऊंगा अकेला न समझकर 
बनकर एक छोटा-सा मुसाफिर
अगर आप थोडा-सा भी साथ दे !!








तन्हा मै ये सोच की तन्हा हु 
इस तन्हाई में गैर भी मिले तो
यकीं  उन पर भी  होगा 
उन्हें भी साथ कर लूँगा
थोडा सा साथ पाकर 
आंधी-काँटों पर चलने को 
अगर आप थोडा-सा भी साथ दे !!

                                                                                    -अखिल